पुष्प कृषि मेला
PUSHP KRISHI MELA
सीएसआईआर- हिमालय जैवसंपदा प्रौद्योगिकी संस्थान (सीएसआईआर-आईएचबीटी), पालमपुर ने 10 अगस्त 2023 को डीआईएचएआर, डीआरडीओ, लेह में “सीएसआईआर-फ्लोरीकल्चर मिशन II के अंतर्गत “पुष्प कृषि मेले” का आयोजन किया जिसके मुख्य अतिथि लद्दाख के माननीय उपराज्यपाल ब्रिगेडियर (डॉ.) बी.डी. मिश्रा (सेवानिवृत्त) थे। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि एडोवैक्ट ताशी ग्यालसन, मुख्य कार्यकारी पार्षद (सीईसी), एलएएचडीसी, लेह, लद्दाख, श्री जामयांग त्सेरिंग नामग्याल, संसद सदस्य, लद्दाख, श्री रविंदर कुमार, आईएएस सचिव कृषि/बागवानी यूटी लद्दाख और डॉ. ओपी चौरसिया, निदेशक, डीआईएचएआर, डीआरडीओ ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।
माननीय उपराज्यपाल ने अपने संबोधन में लद्दाख घाटी में मिशन की उपलब्धियों की सराहना की। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि इस क्षेत्र में फूलों के उत्पादन की असीम संभावनाएँ है तथा “फूल उगाओ फूलों का विस्तार करो” का नारा भी दिया। साथ ही साथ उन्होने “महिलाएं, लद्दाख और फूलों” को भगवान की सर्वश्रेष्ठ रचना बताया ।
इसके अलावा, उन्होंने फूलों के उत्पादन, बे-मौसमी खेती, कोल्ड स्टोरेज और बेहतर परिवहन के माध्यम से फ्लोरीकल्चर को बढ़ावा देने हेतु विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने मुख्य कार्यकारी पार्षद, एलएएचडीसी, लेह से पूरे क्षेत्र में फूलों की खेती में लोगों की भागीदारी को प्रोत्साहित करने का आवाहन किया। इस अवसर पर उनके द्वारा 'लद्दाख में सीएसआईआर-फ्लोरीकल्चर मिशन' पर एक विवरणिका जारी की और किसानों को लिलियम, ग्लैडियस और ट्यूलिप की रोपण सामग्री वितरित की। उन्होंने लेह स्थित महिला स्वयं सहायता समूहों और राग्युल जैविक उत्पादक कंपनी के किसानों को प्रशंसा पत्र भी प्रदान किए।
माननीय उपराज्यपाल की उपस्थिति में, सीएसआईआर-आईएचबीटी ने लद्दाख प्रगतिशील सोसायटी, लेह और मेंडोक सहकारी सोसायटी, कारगिल के साथ एक सामग्री हस्तांतरण समझौते (एमटीए) पर हस्ताक्षर किए। एलएएचडीसी, लेह के मुख्य कार्यकारी पार्षद (सीईसी) एडवोकेट ताशी ग्यालसन ने किसानों से आत्मनिर्भर कृषि और उद्यमिता को बढ़ावा देने का आग्रह किया।
सीएसआईआर-आईएचबीटी, पालमपुर के निदेशक डॉ. सुदेश कुमार यादव ने लद्दाख में सीएसआईआर-फ्लोरीकल्चर मिशन की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि मिशन के माध्यम से लिलियम, ग्लाडिओलस और ट्यूलिप जैसी फूलों की खेती लगभग 10 एकड़ भूमि पर की जा रही जिससे लेह और कारगिल के 80 किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ है।
उन्होंने लद्दाख में फूलों की खेती को बढ़ावा देने के लिए संस्थान की क्षमता और नए अवसरों के बारे में विस्तार से बताया। डॉ. यादव ने इस बात पर भी जोर दिया कि विदेशों से पुष्प आयात कम करने के लिए लद्दाख को बल्ब उत्पादन केंद्र के रूप में विकसित किया जा सकता है।
फूल उत्पादन, विपणन और फूलों की खेती से संबंधित गतिविधियों के बारे में जानने के लिए 100 से अधिक प्रदर्शक, उद्यमी और निर्माता सक्रिय रूप से इस कार्यक्रम में शामिल हुए। श्री पवन कोटवाल, उपराज्यपाल लद्दाख के सलाहकार, डॉ. महेंद्र दानोकर, मुख्य वैज्ञानिक टीएमडी, सीएसआईआर मुख्यालय, डॉ. एस.के. मेहता, वीसी यूनिवर्सिटी ऑफ लद्दाख, श्री मोसेस कुन्जांग, निदेशक, सहकारिता विभाग, श्री स्टेनजिंग चोस्फेल, कार्यकारी पार्षद कृषि, कार्यक्रम में कृषि विभाग के एसडीएओ श्री थिनलेस दावा और अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने भी भाग लिया। इस कार्यक्रम में प्रेस और मीडिया के प्रतिनिधियों के साथ-साथ डीआरडीओ और सीएसआईआर-आईएचबीटी के कर्मचारी भी शामिल हुए।
CSIR-Institute of Himalayan Bioresource Technology (CSIR-IHBT), Palampur organised “PUSHP KRISHI MELA” under “CSIR-Floriculture Mission II” on 10th August 2023 at DIHAR, DRDO, Leh. The chief guest of the program was Hon’ble Lieutenant Governor of Ladakh, Brig. (Dr.) B.D. Mishra (Retd) along with Guests of Honour, Advocate Tashi Gyalson, Chief Executive Councillor (CEC), LAHDC, Leh, Shri Jamyang Tsering Namgyal, Member of Parliament, Ladakh, Shri Ravinder Kumar, IAS Secretary Agriculture/ Horticulture UT Ladakh and Dr. O.P Chaurasia, Director, DIHAR, DRDO.
Hon’ble Lt. Governor, in his address, appreciated the achievements of the mission in Ladakh valley. He also mentioned that flower production has a huge potential in the area and gave a slogan “Phool ugaao phoolo ka vistaar karo”. In addition, he stated: Women, Ladakh and Flowers are the best creations of the God. Furthermore, he added enhancing flower production through off season cultivation, cold storage and better transportation. He suggested Chief Executive Councillor, LAHDC, Leh to encourage People’s participation in floricultural activities throughout the region. On this event, Hon’ble Lt. Governor released a brochure on ‘CSIR-Floriculture Mission in Ladakh’ and distributed planting materials of Lilium, Gladious and Tulip to the farmers. He also presented certificates of appreciation to the farmers of the Leh-based women's self-help groups and the Ragyul organic producers company.
In the presence of Hon’ble Lt. Governor, CSIR-IHBT signed material transfer agreements (MTA) with Ladakh progressive society, Leh and Mendok Cooperative society, Kargil. Advocate Tashi Gyalson, CEC, LAHDC, Leh, urged the farmers for self-sustainable agriculture and entrepreneurship development in the region.
Dr. Sudesh Kumar Yadav, Director CSIR-IHBT, Palampur highlighted the achievements of CSIR-Floriculture Mission in Ladakh. He said that the mission has increased the area under floricultural crops like Lilium, Gladilous and Tulip to over 10 acres which has improved the socio-economic condition of 80 farmers in Leh and Kargil. Dr. Yadav elucidated about the institute’s potential and new opportunities in promoting floriculture in the UT. He also emphasized that Ladakh can be developed as a bulb production centre of the country to minimize import.
More than 100 exhibitors, entrepreneurs, and farmers actively engaged in floriculture related activities participated in the mela. Mr Pawan Kotwal, Advisor to Lt. Governor Ladakh, Dr. Mahender Danokar, Chief Scientist TMD, CSIR Headquarters, Dr S.K Mehta, VC University of Ladakh, Mr Moses Kunzang, Director, Department of Cooperatives, Shri Stenzing Chosphel, Executive councillor agriculture, Shri Thinless Dawa, SDAO department of agriculture and other dignitaries also participated in the program. Representatives from the press and media, as well as staff from the DRDO and CSIR-IHBT, attended the event.